National Emergency in Sri lanka

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल की घोषणा कर दी है यह घोषणा राष्ट्रपति को आपात स्थितियों से निबटने के लिए उठाया गया एक मजबूत कदम है। आर्थिक संकट से जूझ रही जनता के प्रदर्शन को दबाने के लिए भी यह कदम एक कारगर साबित हो सकता है। श्रीलंका में आज के माहौल की बात करें तो हिंसा प्रदर्शन और सरकारी संपत्तियों पर तोड़फोड़ चल रही है जिसकी वजह से आम जनता में एक आक्रोश सा फैला हुआ है लंबे पावर कट खाने पीने की चीजों की किल्लत से जूझ रहे श्रीलंका ने आपातकाल को लागू कर दिया है।
आपातकाल घोषणा से मिली शक्तियां

बात करें कि आपातकाल की घोषणा करने से राष्ट्रपति के द्वारा कौन-कौन सी शक्तियों का आवाहन हुआ है तो उनमें से कुछ शक्तियों के बारे में हम बात करने जा रहे हैं जिनमें से सबसे बड़ी शक्ति है सार्वजनिक सुरक्षा दूसरी सार्वजनिक व्यवस्था का संरक्षण एवं तीसरी विद्रोह का दमन चौथी है नागरिक हंगामा और पांचवी है सरकारी संपत्ति की सुरक्षा मैं आने वाली बाधा का निराकरण यह सभी राष्ट्रपति के द्वारा लगाई गई आपातकाल में शामिल है। अगर इसके बीच किसी को भी कोई भी दखल करते हुए पाया जाता है तो उसे बिना पूछे गिरफ्तार किया जा सकता है और उस पर निश्चित कार्यवाही भी की जा सकती है।
श्रीलंका में हो रहे प्रदर्शन

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 11-11 घंटे से पावर व्हाट्सएप जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है और वही जनता खाने पीने की चीजों के लिए भी लहूलुहान होती नजर आ रही है श्रीलंका में रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूते नजर आ रहे हैं और वहीं स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो वह पूरी तरह से चरमरा गई है वहां पर मिलने वाले छोटे-मोटे टेबलेट भी ₹10 से बढ़कर ₹300 तक में बिक रहे हैं यह श्रीलंका के लिए सबसे बुरे दोनों में से एक है।
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[metaslider id=”2827″]राष्ट्रपति निवास पर हंगामा एवं तोड़फोड़

श्रीलंका में आम जनता पर लगातार लगाए जा रहे प्रतिबंधों और कि लोगों की वजह से श्रीलंका की जनता अब देश के राष्ट्रपति के घर तक को नहीं बख्शा रही है वह देश के राष्ट्रपति श्री गोटाबाया राजपक्षे के घर के बाहर ताबड़तोड़ पत्थरबाजी और हंगामा कर रही है। रात में कोलंबो के राष्ट्रपति के घर के सामने 2500 से ज्यादा लोगों ने रैली निकालकर अपना गुस्सा प्रदर्शन किया।भीड़ राष्ट्रपति भवन के अंदर घोषणा चाह रही थी लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षा गणों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गाड़ियों पर पथराव और हंगामा

श्रीलंकन पुलिस को अभी बहुत ज्यादा हिंसा का सामना करना पड़ रहा है माना जा रहा है कि 24 से 28 पुलिसवाले घायल हो चुके हैं प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है और कई पुलिस की गाड़ियों को जलाकर राख भी कर दिया गया है
श्रीलंका सरकार पर हुई कार्रवाई को आतंकी करार घोषित किया

सरकार के द्वारा लगाए जा रहे हैं बराबर प्रतिबंध और जनता से छीनी जा रही मूलभूत सुविधाओं के कारण जनता का गुस्सा आसमान छू रहा है वह सरकार के द्वारा करी जा रही एवं वहां के राष्ट्रपति के द्वारा लिए जा रहा है इस कूटनीतिक निर्णय को आतंकी निर्णय घोषित कर रहे हैं। जनता वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति को पद से निकालने की जद्दोजहद में लगी हुई है और वह चाहती है कि वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति को उनके पद से हटाकर और अन्य राष्ट्रपति को वहां पर लाया जाए जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होने की संभावना उत्पन्न हो।