
Contentshide 1 महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास 2 महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? 3 आधुनिक संस्कृति में महिला दिवस की महत्वता 4 महिला दिवस की निष्कर्षता 4.1 Related
महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास

महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर 28 फरवरी 1999 को पहली बार मनाया गया 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपनहेगन प्रोग्राम में इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई महिलाओं के अधिकारों को शोषण से बचाना और उनको अपने आप में शशक्त करना ही इसका उद्देश्य था कहा तो यह तक जाता है कि रूस की महिलाओं ने रोटी और कपड़े के अधिकार के लिए हड़ताल करने का फैसला लिया इसके बाद महिलाओं को उनके अधिकार और आगे जाकर महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्राप्त हुआ और वह मत देने के काबिल बन गई।
महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?

महिला दिवस अपनी दुनिया भर में जारी महिलाओं के प्रति उनके अधिकारों के प्रति चलाए जाने वाली आवाजों के याद में मनाया जाता है।महिलाओं के प्रति जारी सशक्तिकरण अभियानों को और जोर देने और उन्हें पूरी तरह से सफल बनाना और उनकी हर क्षेत्र में मिलने वाली सफलता को उन्नति पूर्ण बनाने की याद में भी यह दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस महिलाओं के हर क्षेत्र में मिलने वाली उपलब्धियों और उनकी यादों को और अधिक एकत्रित करने के उद्देश्य से भी यह दिवस मनाया जाता है।
आधुनिक संस्कृति में महिला दिवस की महत्वता

महिला दिवस को आधुनिक संस्कृति में अत्यधिक महत्व प्रदान किया है।महिला दिवस की महत्वता को देख दुनिया भर में कई देश इस दिन को आधिकारिक अवकाश भी रखते हैं और कुछ देश इस दिल को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। दुनिया भर के देशों में शुमार जैसे अफगानिस्तान, आर्मीनिया, अजरबैजान ,बेलारूस, कंबोडिया, जॉर्जिया, कजाखस्तान, माल्टोवा ,मंगोलिया, तुर्कमेनिस्तान, यूगांडा ,यूक्रेन ,वियतनाम और जांबिया जैसे देश है जो कि इस दिन को अपने यहां बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं।
चीन, मकदुनीया, नेपाल,madagaskar जैसे देश अपने यहां इस दिन पर महिलाओं को विशेष अवकाश प्रदान करते हैं।
और वही बात करें कुछ ऐसे देशों की जैसे कैमरून ,क्रोएशिया ,रोमानिया, बुल्गारिया ,चिल्ली अपने यहां इस दिन पर कोई भी अवकाश नहीं रखते हैं।
महिला दिवस की निष्कर्षता
महिला दिवस हर देश में अलग-अलग मनाया जाता है हर देश अपने-अपने अलग-अलग तरीकों से इस दिवस को मनाते हैं कुछ देशों में बहुत धूमधाम से मनाते हैं तो कुछ देश अपने यहां इस दिन पर कोई भी विशेष कार्य नहीं करते हैं बात करे भारतीय महिलाओं की तो भारतीय महिलाओं का हर क्षेत्र में बराबर स्थान दिखता नजर आता है लेकिन भारतीय महिलाओं के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व नहीं देखने को मिलता है कुछ देश इस दिन पर महिलाओं को विशेष अवकाश देते हैं तो कुछ देश इस दिन ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं रखते हैं महिलाओं की हर क्षेत्र में बराबरी है लेकिन महत्वता अलग-अलग है।